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प्रधानमंत्री कुसुम योजना: किसानों को बड़ा तोहफा, सोलर पंप (Solar Pump) पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी

प्रधानमंत्री कुसुम योजना: किसानों को बड़ा तोहफा, सोलर पंप (Solar Pump) पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी

केन्द्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने व खेती की लागत कम करने योजनाएं लाकर किसानों की तरह-तरह से मदद करना चाहती है।  

केन्द्र सरकार ने इसी कड़ी में प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पम्प खरीदने के लिए बहुत अच्छी आकर्षक योजना बनायी है। 

इस योजना के तहत किसानों को सोलर पम्प की लागत का केवल 10 प्रतिशत हिस्सा देना होगा बाकी सरकार और बैंक क्रेडिट से मिलेगा। आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

किसानों की समृद्धि में सहायक है ये योजना

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प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दूसरे चरण में सोलर पम्प खरीदने की जो सब्सिडी दी जा रही है उससे किसान भाई कम से कम पैसे में अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए सिंचाई की सुविधा जुटा सकते हैं। 

इसके अलावा बिजली से चलने वाले छोटे  मोटे काम भी आसानी से कर सकते हैं। इस तरह से किसान भाई अपने परिवार की आर्थिक स्तर उठा सकते हैं। 

साथ ही खेती से जुड़े ऐसे काम भी कर सकते हैं जिनसे किसानों को अतिरिक्त आय मिल सके। इस प्रकार किसान भाई इस योजना से लाभ उठायेंगे तो उनकी कृषि पैदावार भी बढ़ेगी। साथ ही उनके गांव का भी विकास हो जायेगा।

Content

  1. योजना का दूसरा चरण हो गया है शुरू, आवेदन करें
  2. किसानों को क्या लाभ
  3. महाराष्ट्र सरकार दे रही है कितनी सब्सिडी
  4. दूसरे राज्यों में ये है व्यवस्था
  5. पात्रता की शर्तें
  6. आवश्यक दस्तावेज
  7. आवेदन की प्रक्रिया
  8. ऑनलाइन आवेदन ऐसे करें

योजना का दूसरा चरण हो गया है शुरू, आवेदन करें

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का दूसरा चरण लागू किया जा रहा है।  योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना शुरू हो गया है। जो किसान भाई सोलर पम्प खरीद कर योजना का लाभ प्राप्त करनाचाहते हों तो वे आवेदन कर सकते हैं। 

पीएम कुसुम योजना के दूसरे चरण में किसान भाइयों को सिर्फ 10 प्रतिशत का हिस्सा देना होगा बाकी 90 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ मिलेगा।  

इस योजना का 60 प्रतिशत हिस्सा सरकार की ओर से सब्सिडी के रूप में वहन किया जाता है बाकी 30 प्रतिशत हिस्सा क्रेडिट के रूप में बैंक की ओर से दिया जाता है।

किसानों को क्या हो सकता है लाभ

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सोलर पम्प लगाने से किसान भाइयों को सिंचाई के अलावा अन्य वो कार्य जो बिजली से होते हैं, बिना किसी परेशानी के होंगे। साथ बिजली में आत्मनिर्भरता होगी । 

किसान भाइयों को बिजली कटौती, अधिक बिजली बिल या डीजल की महंगाई की समस्या से भी छुटकारा मिल जायेगा। इसके अलावा यदि किसान भाई अपनी जरूरत से अधिक बिजली पैदा कर लेते हैं तो वे उसे ग्रिड को बेच कर घर बैठे लाभ भी कमा सकते हैं।

महाराष्ट्र सरकार दे रही है कितनी सब्सिडी

केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग से यह योजना चलायी जा रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकारें अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार अपने-अपने राज्य के किसानों को अलग-अलग सब्सिडी दे रहीं है। 

महाराष्ट्र सरकार ने अपने राज्य के किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प खरीदने वाले किसान भाइयों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान किया है।

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दूसरे राज्यों में ये व्यवस्था

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इसके अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश भी अपने-अपने किसानों को प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प खरीदने वालों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने की व्यवस्था की है जबकि हरियाणा सरकार ने अपने किसानों को इस योजना के तहत सोलर पम्प खरीदने के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान किया है।

पात्रता की शर्तें:-

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दूसरे चरण में सोलर पम्प खरीदने वाले किसान भाइयों की पात्रता के लिए कौन-कौन सी शर्ते तय की गयी हैं, जानिये वे इस प्रकार हैं:-

  1. भारत का स्थायी निवासी होना चाहिये
  2. इस योजना में 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट तक की क्षमता वाले सोलर प्लांट के लिए आवेदन किया जा सकता है।
  3. किसानों द्वारा स्वयं निवेश करने पर किसी प्रकार की वित्तीय योग्यता की जरूरत नहीं है। लेकिन यदि आवेदक किसी डेवलपर कीमदद लेता है तो उस डेवलपर के लिए 1 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट की नटवर्ध होना जरूरी होगा।
  4. आवेदनकर्ता के लिए अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने क्षमता है तो कोई बात नहीं वरना वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता के अनुसार ही आवेदन किया जा सकता है।

आवश्यक दस्तावेज

  1. आवेदनकर्ता का आधार कार्ड होना चाहिये
  2. आवेदक का राशन कार्ड भी होना चाहिये
  3. आवेदक के पास ऐसा मोबाइल नंबर होना चाहिये जो आधार कार्ड से लिंक हो।
  4. बैंक खाता की डिटेल देनी होगी, बैंक खाता की पासबुक की कॉपी चाहिये।
  5. किसान की जमीन की जमाबंदी की कॉपी
  6. रजिस्ट्रेशन की प्रति
  7. यदि डेवलपर से मदद ली जा रही है तो उसकी सीए द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट जरूरी होगा।

आवेदन की प्रक्रिया

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प खरीद पर सब्सिडी लेने के लिए किसान भाइयों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आपको इसके लिए केन्द्र सरकार की अधिकृत वेबसाइट पर जाना होगा या फिर अपने राज्य की वेबसाइट पर भी जाकर आवेदन कर सकते हैं। 

इसकी पूर्ण प्रक्रिया इस प्रकार होगी। -आपको ऑनलाइन आवेदन के लिए केन्द्र सरकार की वेबसाइट https://mnre.gov.in पर जाना होगा। -यदि आप महाराष्ट्र सरकार के समक्ष आवेदन करना चाहते हैं तो आपको उनकी वेबसाइट  https://kusum.mahaurja.com/solar/benf_login पर जाकर लॉगिन करना होगा। 

इसी तरह अन्य राज्यों की अलग-अलग वेबसाइट पर जाकर भी प्रधानमंत्री कुसुम योजना मे सोलर पम्प खरीदने का आवेदन किया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन ऐसे करें -

जब आप वेबसाइट पर लॉगइन करेंगे तो आपको होम पेज पर आवेदन पत्र का लिंक दिखाई देगा। जिसको क्लिक करें। 

क्लिक करते ही आपको आवेदन पत्र सामने ही दिख जायेगा। जिसको पढ़कर उसमें मांगी गयी जानकारी को भर दें।

आपकी जानकारी के अनुसार मांगे गये दस्तावेजों की डिटेल और उनकी स्कैन कॉपी अपलोड कर दें।

इसके बाद फार्म और अपलोड किये जाने वाले दस्तावेजों को एक बार ध्यान से चेक करने के बाद सबमिट कर दें। इस तरह से आपका आवेदन फार्म सरकार के पास जमा हो जायेगा। बाद बाकी सरकार की ओर से कार्रवाई की जायेगी।

पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने का दावा कर रहीं फर्जी वेबसाइट : नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की एडवाइजरी

पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने का दावा कर रहीं फर्जी वेबसाइट : नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की एडवाइजरी

पीएम कुसुम योजना को लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जारी की अपनी एडवाइजरी

पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने का दावा कर रहीं फर्जी वेबसाइट को लेकर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने जारी की अपनी एडवाइजरी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ( एमएनआरई ) ( Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) )  ने अपना सुझाव देते हुए कहा है कि अपने व्हाट्सएप/एसएमएस पर ऐसी किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें जो प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना के लिए पंजीकरण का दावा करते हैं अन्यथा इससे आपको भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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क्या है पीएम-कुसुम योजना ?

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी की गई इस योजना के तहत आपको अपना सोलर पंप स्थापित करने और कृषि पंपों के सोलाराइजेशन के लिए सब्सिडी दी जाती है। 

जिससे आपको अधिक रुपए खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से ही कई सारी फर्जी वेबसाइट पीएम कुसुम योजना में पंजीकरण करने दावा कर रहीं हैं जिसका नुकसान कई बार आम लोगों को उठाना पड़ता है। 

इन फर्जी वेबसाइट के माध्यम से आम जनता को नुकसान ना हो इसके लिए मंत्रालय-एमएनआरआई परामर्श जारी किया गया है।

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एनएमआरआई एडवाइजरी

एनएमआरआई ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि योजना लागू होने के बाद कुछ वेबसाइट द्वारा स्वयं को पीएम कुसुम के लिए पंजीकरण पोर्टल होने का दावा किया गया है। 

सी वेबसाइट लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रही हैं जो लोग इन वेबसाइट में रुचि लेते हैं उन लोगों से यह वेबसाइट धन की वसूली कर रही हैं और उनके बारे में जानकारी एकत्र कर रही हैं। 

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा वेबसाइटों से होने वाले नुकसान को टालने के लिए पहले भी सार्वजनिक नोटिस जारी करके लोगों को सलाह दी थी कि वे इस तरह की वेबसाइटों में पंजीकरण फीस न जमा करें और ना ही उन्हें अपनी जानकारी दें। 

जिसके चलते शिकायतें प्राप्त होने पर इन फर्जी वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और अनेक पंजीकरण पोर्टलों को ब्लॉक कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी व्हाट्सएप और अन्य साधनों के द्वारा लाभार्थियों को बहकाया जा रहा है। 

इसलिए मंत्रालय यह परामर्श देता है कि इस योजना में रुचि रखने वाले लोग ऐसी किसी भी फर्जी वेबसाइट में जाकर व्यक्तिगत जानकारी देने या धन जमा करने से बचें और वेबसाइट के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करके उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।

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मंत्रालय प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान योजना लागू कर रहा है जिसके अंतर्गत कृषक को सोलर पंप स्थापित करने और कृषि पंपों के सौरकरण के लिए सब्सिडी दी जाती है। 

किसान 2 मेगावाट तक ग्रिड से जुड़े सौर विद्युत संयंत्रों को भी स्थापित कर सकते हैं। यह योजना राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित विभागों के द्वारा लागू की जा रही है जिसकी संपूर्ण जानकारी एमएनआरआई की वेबसाइट www.nmre.gov.in. पर उपलब्ध है। 

योजना में भाग लेने के लिए पात्रता और क्रियान्वयन प्रक्रिया संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मंत्रालय द्वारा जारी की गई वेबसाइट http://www.mnre.gov.in या पीएम-कुसुम सेंट्रल पोर्टल https://pmkusum.mnre.gov.in पर उपलब्ध है और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800-180-3333 डायल करके इस योजना संबंधी संपूर्ण जानकारी आप प्राप्त कर सकते हैं।

जाने खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए कैसे कमा रहे हैं किसान ज्यादा आमदनी

जाने खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए कैसे कमा रहे हैं किसान ज्यादा आमदनी

खेती करते हुए किसान खेती के साथ-साथ अलग-अलग तरह के व्यवसाय करते रहते हैं। ताकि उन्हें और ज्यादा आमदनी होती रहे और आर्थिक तौर पर वह मजबूत बने रहे। 

आपने खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन या फिर फूलों आदि की खेती के बारे में तो जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आपने कभी खेती के साथ बिजली उत्पादन करते हुए किसानों को लाभ कमाते देखा है। 

आजकल के आधुनिक दौर में क्या कुछ मुमकिन नहीं है। इसी तरह से किसानों के लिए एक बहुत ही अच्छी पहल सरकार की तरफ से की गई है। इसमें किसान खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए लाभ कमा सकते हैं। 

इस स्कीम के तहत सबसे अच्छी बात है, कि सरकार खुद किसानों को इसके लिए प्रेरित कर रही है और अच्छी खासी मदद भी दे रही है। 

अब सौर ऊर्जा को प्रमोट करते हुए खेत में सोलर पंप से लेकर सोलर प्लांट लगवाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। जिससे कृषि कार्यों के लिए खेतों से ही बिजली मिल जाए। साथ में, बिजली कंपनियों को भी बिजली को बेचकर अतिरिक्त आमदनी हो जाए। 

उत्तर प्रदेश में भी जल्द किसानों को ऐसी ही एक योजना का लाभ मिलने वाला है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 6 जिलों में प्राइवेट डेवलपर्स यानी किसानों के साथ बिजली को खरीदने के लिए एक समझौता किया है। 

इस एग्रीमेंट का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है और यह पीएम कुसुम योजना के तहत लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत 7 मेगावाट सोलर पावर जेनरेशन प्रोजेक्ट को गति देने के लिए किया गया है।

कैसे होगी किसानों की आमदनी

अगर किसानों की भूमि बंजर और अनुपयोगी है, तो उत्तर प्रदेश के किसान अपनी भूमि पर सोलर पावर प्लांट लगवा सकते हैं। 

यह सोलर पावर प्लांट लगवाने के लिए किसानों को तमाम तरह के बैंक और वित्तीय संस्थाएं पूरी तरह से मदद करेंगे। इसके अलावा इस योजना के तहत आप सरकार से सब्सिडी भी ले सकते हैं। ताकि आपको शुरुआती समय में ज्यादा खर्च ना करना पड़े।

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इतना ही नहीं, किसान अपने खेतों में लगे सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन लेकर ना सिर्फ कृषि कार्यों को बिना किसी खर्च में पूरा कर सकते हैं। बल्कि प्राइवेट बिजली कंपनियों को बेचकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा सकते हैं। 

फिलहाल, सौर बिजली उत्पादन की सुविधा यूपी के बिजनौर, हाथरस, महोबा, जालौन, देवरिया और लखनऊ में दी जाएगी।

कितना होगा बिजली उत्पादन

यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया है, कि बिजनौर के विलासपुर गांव में 1.5 मेगावाट का सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र बनाया जाएगा। हाथरस के मौहारी गांव में 0.5 मेगावाट और देवगांव के गांव में 1 मेगावाट की सुविधा दी जाएगी।

महोबा और जालौन के खुकसिस गांव में 1 मेगावाट और बरियार गांव में 1 मेगावाट की सुविधा वाला सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र बनाने का प्लान है। यहां पर किसानों को दो तरह के विकल्प दिए गए हैं। 

पहला या तो वह डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी सिंचाई पंप में अपग्रेड करवा सकते हैं या फिर अपने खेत में सोलर प्लांट लगवाने की व्यवस्था कर सकते हैं। 

कमाई की बात की जाए, तो इस तरह से लगे हुए सोलर पावर प्लांट से किसान सालाना लगभग 80,000 रुपये तक कमा सकते हैं। 

इस योजना के तहत सरकार की तरफ से किसानों को सोलर पंप की लागत पर 90 फीसदी सब्सिडी भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

क्या है पीएम कुसुम योजना

पीएम कुसुम योजना के तहत 1 मेगावाट का सोलर प्लांट लगवाने के लिए लगभग 5 एकड़ जमीन की जरूरत होती है। वहीं पर अगर आप 0.2 मेगावाट बिजली का उत्पादन करना चाहते हैं, तो यह केवल 1 एकड़ जमीन में भी किया जा सकता है। 

इस योजना के तहत किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह है, कि उन्हें स्वयं भी किसी तरह की बिजली से जुड़ी हुई समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। 

साथ ही, वह बनने वाली एक्स्ट्रा बिजली को बेचकर ज्यादा आमदनी भी कमा सकते हैं। जिससे उनके आर्थिक हालात सुधारने में बेहद मदद मिलेगी।

अब बंजर जमीन से किसानों की होगी भारी कमाई, हर एकड़ में मिल सकते हैं एक लाख रुपये

अब बंजर जमीन से किसानों की होगी भारी कमाई, हर एकड़ में मिल सकते हैं एक लाख रुपये

देश की केंद्र सरकार किसानों की आय बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है, जिसके लिए कई योजनाएं लागू की गई है जो किसानों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लाभ प्रदान कर रही हैं। इसी तरह की एक योजना है प्रधानमंत्री कुसुम योजना। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को अपने खेत में सोलर पंप लगवाने के लिए भारी सब्सिडी दे रही है। इस योजना के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत पर या बंजर जमीन पर सोलर पंप लगवा सकते है। जिसके लिए सरकार 60 फीसदी का अनुदान दे रही है। इस योजना को साल 2019 में शुरू किया गया था और अब इस योजना पर लगातार काम किया जा रहा है ताकि किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जा सके। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण से मुक्त और बेहद कम दामों में किसानों को सिंचाई उपलब्ध करवाना है। सरकार ने अपनी इस योजना के बारे में बताया है कि इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पैनल फ्री मिलते हैं, जिससे वो आसानी से बिजली बना सकते हैं। उस बिजली को अपनी अवश्यकतानुसार उपयोग कर सकते हैं तथा बाकी बची बिजली को बेंचकर अतिरिक्त आमदनी हासिल कर सकते हैं। बची हुई बिजली को विद्युत वितरण कंपनी खरीद लेती है, साथ ही अगले 25 सालों तक इनकम की गारंटी भी देती है। लेकिन किसान को ध्यान रखना होगा कि सोलर प्लांट लगवाने के लिए किसान की जमीन विद्युत सब-स्टेशन से 5 किलोमीटर तक दायरे में होनी चाहिए। नवीनीकृत स्रोतों से बनाई जाने वाली बिजली प्रदूषण रहित होती है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। इसके साथ ही इसको बनाने में लागत भी कम आती है।

प्रति एकड़ एक लाख रुपये तक की हो सकती है कमाई

सरकार की कोशिश है कि किसान भाई इस योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों में लगे डीजल पंपों को बंद कर दें और सौर ऊर्जा से चलित पंपों का इस्तेमाल करें। इससे एक ओर प्रदूषण में कमी आएगी वहीं दूसरी ओर डीजल की खपत भी कम होगी। जिससे केंद्र सरकार के ऊपर कच्चे तेल के आयात का बोझ कम होगा। इसके अलावा किसान भाईयों को बची हुई बिजली विद्युत वितरण कंपनी को बेंचने पर हर माह प्रति एकड़ 1 लाख रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। यह आमदनी किसान को आगामी 25 वर्षों तक होती रहेगी। ये भी देखें: इस तकनीक के जरिये किसान 1 एकड़ जमीन से कमा सकते है लाखों का मुनाफा

इस प्रकार उठा सकते हैं सब्सिडी का फायदा

केंद्र सरकार ने कहा है कि इस योजना के अंतर्गत सोलर पैनल लगवाने पर किसान को कुल राशि का सिर्फ 10 प्रतिशत ही भुगतान करना होता है। इसके अलावा सरकार किसान को कुल राशि का 60 प्रतिशत देती है, जो सब्सिडी के रूप में होता है। इस राशि में से 30 प्रतिशत केंद्र सरकार की तरफ से तथा 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार की तरफ से वहन की जाती है। बाकी बची हुई 30 प्रतिशत राशि किसान को बैंक लोन के रूप में प्रदान की जाती है, जिसे किसानों को समय पर किस्तों के माध्यम से वापस करना होता है।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना से किसान भाइयों को होंगे ये फायदे

  • इस योजना के माध्यम से बिना एकमुश्त राशि दिए आसानी से किसान की भूमि में सोलर पैनल लगाए जाते हैं। जिन्हें बेकार पड़ी जमीन में भी लगवाया जा सकता है।
  • इससे किसानों को फ्री बिजली मिलेगी जिससे सिंचाई में आसानी होगी। फ्री बिजली मिलने से किसानों का सिंचाई में होने वाला व्यय घटेगा।
  • इस योजना से किसानों की डीजल पर से निर्भरता कम होगी।
  • अतिरिक्त बिजली को आगामी 25 सालों तक बेंचकर किसान भाई अपने लिए अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।
  • इस योजना के माध्यम से पर्यावरण में प्रदूषण कम किया जा सकेगा।

इनको मिलेगा प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ

देश में प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ किसानों के साथ-साथ सहकारी समितियों को, पंचायतों को, किसानों के समूहों को, किसान उत्पादक संगठनों को और जल उपभोक्ता एसोसिएशनों को भी मिलेगा।

इस योजना का लाभ पाने के ये डाक्यूमेंट्स होंगे जरूरी

इस योजना का लाभ पाने के लिए लाभार्थी के पास आधार कार्ड, आवेदन करने वालों की पासपोर्ट साइज़ की फोटो, पहचान पत्र, राशन कार्ड, रजिस्ट्रेशन की कॉपी, बैंक खाते की डिटेल, जमीन के दस्तावेज और मोबाइल नंबर होना अनिवार्य है। ये सभी डाक्यूमेंट्स आवेदन करते समय लगाने अनिवार्य हैं।

प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ पाने के लिए इस प्रकार से करें आवेदन

आवेदनकर्ता प्रधानमंत्री कुसुम योजना का लाभ पाने के लिए योजना की आधिकारिक वेबसाइट mnre.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने नोडल ऑफिसर से सम्पर्क कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 75 % अनुदान दे रही है

हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को सोलर पंप लगाने के लिए 75 % अनुदान दे रही है

हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना और उत्थान महाभियान के अंतर्गत खेतों में सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। इसके अंतर्गत किसानों को सरकार की तरफ से अच्छा-खासा अनुदान दिया जाएगा। हरियाणा में खेती- किसानी करने वाले कृषकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। वर्तमान में उन्हें अपनी फसलों की सिंचाई करने को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। बिजली बिल पर आने वाले खर्चे से उन्हें राहत मिलेगी। क्योंकि, हरियाणा सरकार ने राज्य के किसानों के खेत में सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। हरियाणा सरकार का कहना है, कि सोलर पंप स्थापित करने से किसानों की फसल को वक्त पर पानी मिल सकेगा। इससे फसलों का उत्पादन बढ़ जाएगा। अब ऐसी स्थिति में किसान पहले की तुलना में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे।

सिंचाई के लिए डीजल बिजली खर्च करना पड़ता है

दरअसल, किसानों के समक्ष समयानुसार फसलों की सिंचाई करना एक बड़ी चुनौती रहती है। हरियाणा के समस्त इलाकों में नहर का पानी नहीं पहुंचता है। ऐसी स्थिति में किसान ट्यूबवेल की सहायता से सिंचाई करते हैं। ये सारे ट्यूबवेल बिजली अथवा डीजल से चलते हैं। अब ऐसी स्थिति में समस्त किसान डीजल और बिजली बिल का खर्च नहीं उठा पाते हैं। साथ ही, कभी- कभी गांवों में लंबे समय तक बिजली गायब हो जाती है। इससे भी सिंचाई समयानुसार नहीं हो पाती है। इन्हीं समस्त समस्याओं को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने सोलर पंप लगाने का निर्णय किया है। ये भी पढ़े: सिंचाई समस्या पर राज्य सरकार का प्रहार, इस योजना के तहत 80% प्रतिशत अनुदान देगी सरकार

आवेदन की अंतिम तिथि

हरियाणा सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना और उत्थान महाभियान के अंतर्गत खेतों में सोलर पंप लगाने का ऐलान किया है। इसके अंतर्गत किसानों को सरकार अच्छा-खासा अनुदान देगी। यदि किसान भाई अपने खेत में सोलर पंप लगाना चाहते हैं, तो वह आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.hareda.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करने की अंतिम तारीख 12 जुलाई तक ही है। इस वजह से किसान भाई अतिशीघ्र अनुदान का फायदा उठाने के लिए आवेदन करें।

योजना का फायदा लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज

मुख्य बात यह है, कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा और उत्थान महाभियान के अंतर्गत किसान भाई अपने खेत में 3 से 10 HP के सोलर पंप स्थापित कर सकते हैं। इसके ऊपर हरियाणा सरकार 75 प्रतिशत तक अनुदान प्रदान करेगी। विशेष बात यह है, कि इस योजना में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों को सोलर पंप हेतु अनुदान का लाभ दिया जाएगा। साथ ही, इस योजना का फायदा उठाने वाले कृषकों के पास हरियाणा परिवार पहचान पत्र, आवेदक के नाम पर बिजली पम्प का कनेक्शन और कृषि भूमि का जमाबंदी अवश्य होना चाहिए।
सोलर पैनल के उपयोग से खेती की उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है, इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं

सोलर पैनल के उपयोग से खेती की उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है, इससे क्या-क्या लाभ मिलते हैं

सोलर पैनल के इस्तेमाल से किसान सुगम तरीके से अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं। भारत सरकार सोलर पैनल लगाने पर कृषकों को भारी अनुदान भी प्रदान कर रही है। हमारे भारत के किसान कृषि के लिए अनियमित मानसून एवं अपर्याप्त विद्युत प्रणालियों पर आश्रित रहते हैं। इन चुनौतियों की वजह से किसानों की फसल उत्पादन क्षमता में गिरावट आती है। भारतीय किसानों के समीप भारत की उष्णकटिबंधीय जलवायु के रूप में एक मूल्यवान सोलर संपत्ति है, जो कृषकों को खेतों में सौर पैनल स्थापित कर ऊर्जा एवं पानी की जरूरतों को पूरा करने का अवसर प्रदान करती है। सौर पैनलों का उपयोग भारत के कृषि परिदृश्य को देखते हुए इसे एक बेहतर उपयोग के तौर पर लिया जा सकता है। फिलहाल, भारत में सौर पैनलों की काफी ज्यादा मांग भी है और भारत सरकार इसके इंस्टालेशन पर सब्सिड़ी भी उपलब्ध करा रही है।

ऊर्जा पर निर्भरता को कम करने में सहयोगी

भारत के ग्रामीण इलाकों में आम तौर पर बिजली की कमी अथवा आपूर्ति सही वक्त पर नहीं हो पाती है। ऐसी स्थिति में खेतों पर सौर पैनल स्थापित करके, किसान अपनी स्वयं की बिजली पैदा कर सकते हैं, जिससे सिंचाई, मशीनरी एवं अन्य कृषि कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे किसानों की ग्रिड पर निर्भरता काफी कम होती है। साथ ही, उत्पादकता में भी काफी सुधार आऐगा। ये भी देखें: पंजाब सरकार सिचाईं पर करेगी खर्च कम, लेगी सौर ऊर्जा की मदद

सौर ऊर्जा से सिंचाई सुगमता से की जा सकती है

खेती किसानी पूर्णतय पानी पर आश्रित होती हैं। वहीं, सौर ऊर्जा के जरिए से फसलों में सिंचाई के लिए कुओं एवं अन्य जल स्रोतों से पानी पंप करने में सहयोग मिलता है। सौर ऊर्जा से संचालित पंप भरपूर मात्रा में सूर्य की रोशनी का इस्तेमाल करके दिन के दौरान कार्य कर सकते हैं, जो पौधों की सिंचाई की आवश्यकता को पूर्ण कर सकता है।

अत्यधिक पैसों की बर्बादी पर रोकथाम

साधारण बिजली के मुकाबले में सोलर पैनल पर काफी कम खर्च आता है। एक बार सौर पैनल स्थापित हो जाने के उपरांत, उनकी परिचालन एवं रखरखाव लागत अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे किसानों को बाकी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए धन की बचत हो पाती है। खेती के अतिरिक्त सौर ऊर्जा किसानों को आय का एक अतिरिक्त जरिया प्रदान कर सकती है। किसान भाई अतिरिक्त बिजली पैदा करके इसे नेट मीटरिंग के जरिए से ग्रिड को वापस बेच सकते हैं, जिससे इनकी आमदनी भी होगी। ये भी देखें: जाने खेती के साथ-साथ बिजली उत्पादन करते हुए कैसे कमा रहे हैं किसान ज्यादा आमदनी

यह पूर्णतय रिमोट एक्सेस है

सौर ऊर्जा से चलने वाली प्रौद्योगिकियों को डिजिटल टूल एवं सेंसर के साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे किसानों को अपने खेतों की दूर से निगरानी एवं प्रबंधन करने में सुगमता होती है। इसमें मिट्टी की नमी, मौसम की स्थिति और फसल स्वास्थ्य की निगरानी करना, निर्णय लेने में सक्षम बनाना और संसाधन उपयोग को अनुकूलित करना शम्मिलित है।

ग्रामीण विकास में काफी सहयोगी है

खेतों पर सौर पैनल स्थापित करने से इसके रखरखाव एवं मरम्मत के लिए स्थानीय रोजगार उत्पन्न होते हैं। इससे ग्रामीण समुदायों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। भारत सरकार भी लोगों को सौर ऊर्जा अपनाने के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन, सब्सिडी, योजनाएं एवं नीतियां प्रदान करती रहती है। कृषक भाई भी इन योजनाओं का फायदा उठाते हैं।
इस योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान की जाती है ?

इस योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना के लिए 60 प्रतिशत सब्सिड़ी प्रदान की जाती है ?

कृषक भाइयों के फायदे के लिए सरकार निरंतर विभिन्न योजनाऐं संचालित करती है। कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए सरकार कुसुम योजना चला रही है, जिसका आप फायदा उठा सकते हैं। सोलर पंप एक ऐसा साधन है, जिससे किसान भाइयों को बिजली बिल से सहूलियत मिलती है। ये पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप स्थापित कराने के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है। अगर हम इसकी लागत की बात करें तो ये खेती में सिंचाई की आवश्यकताओं, खेत की मृदा की प्रकृति एवं सोलर पंप की क्षमता पर निर्भर होती है। सोलर पंप की स्थापना के लिए आप सरकार की योजनाओं का भी फायदा उठा सकते हैं। सरकार बहुत सारी योजनाओं के अंतर्गत कृषकों को सोलर पंप लगवाने के लिए अनुदान देती है।

कुसुम योजना के तहत कितने प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है 

बतादें, कि कुसुम योजना भी इन्हीं में से एक है। इस योजना के अंतर्गत कृषकों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 60% प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये पंप कृषकों के अतिरिक्त पंचायतों एवं सहकारी समितियों को भी निशुल्क मुहैय्या कराए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्रों की स्थापना के लिए लागत का 30 फीसद तक ऋण मुहैय्या कराती है। यही, वजह है कि कृषकों को इस परियोजना पर सिर्फ दस फीसद खर्च करना पड़ेगा। इस योजना से कृषकों की सिंचाई की दिक्कतें हल हो सकती हैं। साथ ही, कृषकों को बिजली अथवा डीजल पंपों से सिंचाई करने पर ज्यादा धन खर्च करना होता है।

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कुसुम योजना का लाभ लेने हेतु आवश्यक दस्तावेज 

  • लाभार्थी किसान का आधार कार्ड
  • लाभार्थी किसान का राशन कार्ड
  • लाभार्थी किसान की बैंक अकाउंट डिटेल्स
  • सोलर पंप का उपयोग करने से होने वाले लाभ
  • सोलर पंप के जरिए खेती करने से बिजली की जरूरत नहीं होती, जिससे किसानों को बिजली बिल से छुटकारा मिलता है। 
  • सोलर पंप पर्यावरण के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होती हैं, क्योंकि इनसे प्रदूषण नहीं फैलता है। 
  • सोलर पंप का खर्चा काफी कम होता है और इनका रख-रखाव भी काफी सामान्य रहता है। 
सावधान : किसानों को फर्जी कॉल कर शिकार बना रहे ठग

सावधान : किसानों को फर्जी कॉल कर शिकार बना रहे ठग

सावधान : उत्तर प्रदेश कृषि विभाग और पुलिस ने कृषकों को सतर्क किया है, कि कुछ अराजक तत्व योजनाओं का प्रलोभन देकर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। किसान भाइयों को ऐसे में फर्जी कॉलों से सावधान और सतर्क रहने की बेहद जरूरत है। 

वर्तमान में किसान भी फर्जी फ्रॉड कॉल की चपेट में आ गए हैं। विगत कुछ समय से किसान भाइयों के साथ ठगी के काफी सारे मामले सामने आए हैं। ठग सरकारी योजनाओं का प्रलोभन देकर कृषकों के साथ ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कुछ ऐसी ही घटनाऐं वर्तमान में उत्तर प्रदेश से सामने आई हैं। जहां, किसानों को PM Kusum Yojana के अंतर्गत सोलर पंप को आसान किस्तों में हांसिल करने का प्रलोभन दिया जा रहा है। इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और कृषि निदेशालय ने किसानों को सतर्क किया है और ऐसे फर्जी फोन कॉल करने वालों से बचने की सलाह दी है। 

किसान भाई इन नंबरों से आए कॉल तो बिल्कुल ना उठाएं 

फ्रॉड कॉल के मामले सामने आने के बाद कृषि विभाग के पीएम कुसुम योजना से जुड़े सौर प्रकोष्ठ के द्वारा प्रदेश के सभी मंडलों में स्थापित कृषि उप-निदेशकों को निर्देश जारी किए गए हैं। यूपी कृषि निदेशालय में पीएम कुसुम योजना के नोडल अधिकारी सुरेश कुमार सिंह द्वारा जारी निर्देश में यह कहा गया है, कि किसानों को 7290912735 और 7037767569 सहित कुछ अन्य नंबरों से फोन कॉल आ रही है। ये वही किसान हैं, जिन्होंने कुसुम योजना में सोलर पंप के लिए आवेदन किया है। 

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किसान भाई ठगों के जाल में बिल्कुल ना फसें 

कॉल करने वाला व्यक्ति स्वयं को कृषि विभाग का कर्मचारी बताकर किसानों से सौर पंप के लिए धनराशि किस्तों में जमा कराने की बात करता है। इसके चलते, विभाग ने अधिकारियों से कहा है, कि वे इस योजना के बारे में कृषकों को जागरूक करें और बताऐं कि सौर पंप के लिए किसानों के चुनाव से पूर्व टोकन कन्फर्म करने की ऑनलाइन प्रक्रिया है। यह सूचना संबंधित किसान को पंजीकृत मोबाइल नंबर पर SMS के जरिए प्रदान की जाती है। निर्देश में यह भी  साफ किया गया है, कि इस योजना में कृषकों को किस्तों में धन जमा कराने का विकल्प नहीं है। किसानों को एक ही बार पूरा भुगतान करना होगा। ऐसे में किसान ठगों के झांसे में न आऐं।

फर्जी कॉल आने पर पुलिस से संपर्क करें 

कृषि विभाग के सभी उप निदेशकों को विभाग ने संदेश दिया है कि वे प्रदेश में इस बारे में समाचार पत्र और अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से लोगों को इसकी जानकारी दें. इसके साथ ही किसानों को इस बारे में भी जागरूक करने के लिए कहा है कि वे अगर उन्हें कोई भी फ्रॉड कॉल आता है, तो बारे में सीधा पुलिस से संपर्क करें, ताकि ऐसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सके। 

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पीएम कुसुम योजना से आप क्या समझते हैं ?

पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत, किसानों को सोलर पंप दिए जाते हैं,जिसकी क्षमता 1 हॉर्सपावर से लेकर 10 हॉर्सपावर तक की होती है। इस पर सरकार किसानों को 70% तक की सब्सिडी प्रदान करती है। हाल ही में यूपी सरकार ने किसानों की सिंचाई लागत कम करने के उद्देश्य से उन्हें योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का मौका दिया था। इसके तहत किसानों को सोलर पंप देने के लिए हर जिले के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।